दोस्तो आज हम एक अनोखी और विचित्र घटना के बारे में बात करेंगे जो कि आजतक अनसुलझा हुआ है। आज हम जानेंगे एक अनसुलझे हुए रहस्य के बारे में।
दोस्तो आसाम के गुवाहाटी से 330 किलोमीटर दूरी पर जाटिंगा घाटी है जो कि पक्षियो की सुसाइड पाॅइंट माना जाता है। ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि यहाॅ पिछले 100 वर्षो से प्रतिवर्ष 40 अलग - अलग प्रकार की पक्षियो की मृत्यु अज्ञात तरीके से हो जाती है। अनेक पक्षीविदो का कहना है कि पक्षियो में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति नही होती। इससे स्पष्ट होता है कि इस घाटी की किसी विषिष्ट परिस्थिति के कारण ही ऐसा होता होगा। आइये जानते है आखिर इन पक्षियो की मृत्यु किन कारणो से होती है।
मशहूर पक्षीविद डाॅ सलीम अलि एवं अन्य पक्षीविदो का कहना है कि वर्षा ऋतु के पश्वात् सितंबर एवं अक्टूबर के महीनो में शाम के समय यह इलाका कोहरानुमा एवं अंधेरा हो जाता है जिस कारण कई पक्षियाॅ रोशनी के खंभो के ईर्द - गिर्द आकर गिर जाते है अथवा चेतना शून्य होकर पेड पर बैठ जाते है। पक्षियो का होश नही रहता कि वे स्थानीय आदिवासियों द्वारा पकडे जा रहे है। जाटिंगा के इस स्थान को “पक्षियो द्वारा सामूहिक आत्महत्या की घाटी” भी कहा जाता है।
परन्तू यह बता दूॅ कि विभिन्न पक्षियो की इस विचित्र एवं रहस्यमय व्यवहार के कारणो का सही पता पक्षीविद भी नही लगा पाये है।
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Good one
ReplyDeleteKhati jagah he bhai
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