• जानिये फांसी देने के पूर्व कैदी के कान में जल्लाद क्या कहता है... ईनाम...

    नमस्कार दोस्तो आज हम आपको ले जायेंगे एक ऐसे रहस्य की ओर जिसको आप भी जानना चाहेंगे, दोंस्तो अक्सर आपने फिल्मो मे देखा होगा या कहीं से सुना होगा की किसी अपराधी को फंासी पर चढाने के पूर्व जल्लाद कैदी के कानो मे कुछ कहता है। तो दोस्तो आज हम आपको इस रहस्य से वाकिफ कराना चाहेंगे । नको ईनाम भी दिया जाता है।

  • माउण्ट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली ट्विन्स

    दोस्तो आज हम बात करेंगे माउण्ट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली ट्विन्स के बारे में। दोस्तो माउण्ट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली ट्विन्स लडकियाॅ थी।

  • जानिए दुनिया में जन्म लेने वाला पहेला इंसान कौन था...

    नमस्कार दोस्तो, हर कोई जानना चाहता है की दुनिया में जन्म लेने वाला पहेला इंसान तो आइये आज हम जानते है हमारे अस्तित्व के बारे मे, आइये जानते है हमारे इतिहास को । इसके अलावा आज हम आपको बतायेंगे उस महिला के बारे मे जिसने दुनिया पर पहली बार बच्चा पैदा किया।

अंग्रेज भारत से कितने रुपये ले गए...?


नमस्कार दोस्तो, दोस्तो आज भी बहुत लोगो का मानना है कि हमारे भारत देश का जो विकास हुआ है वह सब अंग्रेजो की देन है। परन्तु दोस्तो क्या आप इस बत से सहमत है? दोस्तो हमारे भारत को यूं  ही सोने की चिडियाॅ नही कहा जाता था, हमारे भारत में अपार धन - संपत्ति मौजूद था। इसी का फायदा उठाने अंग्रेज भारत में व्यापार करने आए और भारतीय व्यापारियों को ही लूटने लगे और लगातार भारतीय व्यापारियों का शोषण करते रहें। अंग्रेज अलग - अलग हथकंडे अपनाकर लगातार भारतीय व्यापारियों को लूटने लगे।


    अंग्रेज भारत में मौजूद अपार धन संपदा का फायदा उठाकर स्वयं का विकास करते रहे। अंग्रेजो के समय की कहानियाॅ तो आपने बहुत सुनी होगी। लगभग 200 सालो तक के अपने राज में अंग्रेजो ने भारत को बेहिसाब दर्द दिए। सोने की चिड़ियाॅ कहलाने वाले भारत दे को ऐसी स्थिति पर लाकर खड़ा कर दिया कि अब यहाॅ कि अर्थव्यवस्था को ठीक - ठीक बनाए रखने के लिए कर्ज लेने की नौबत आ जाती है। आज रूपये की कीमत भी बहुत गिर गई है। अंग्रेजो के राज में 1रू बराबर 1 डाॅलर हुआ करता था परन्तु अब 1 डाॅलर की कीमत 70 रू. पार कर गयी है। दोस्तो हम सबको पता है कि भारत की संपत्ति को कई लूटेरे लूट कर ले गए। परन्तु क्या कभी आपने सोचा है कि अंग्रेज आखिर भारत से कितनी संपत्ति लूट कर ले गए और अंग्रेजो ने भारत को किस तरह लूटा? आइये जानते है इन सभी सवालो के जवाब।

    भारतीय अर्थशास्त्री उत्शा पटनायक ने पिछली 2 ताब्दी के आंकड़ो का गहन् अध्ययन करके पुस्तक लिखी जिसका प्रकान कोलंबिया यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा किया गया। इस रिसर्च पेपर के अनुसार अंग्रेज भारत से 45 त्रिलियन डाॅलर अर्थात लगभग 32 लाख अरब रू की संपत्ति लूट कर ले गए। ये सारी संपत्ति सन् 1765 - 1938 के बीच लूटे गए थे। आइये दोस्तो जानते है इतनी बड़ी संपत्ति अंग्रेज किस तरह लूट ले गए।

   अंग्रेजी शासन (ईस्ट इंडिया कंपनी) ने भारत पर कई तरह के कर (टैक्स) लगाए, खासतौर पर यह कर भारतीय व्यापारियों और आम नागरिको पर लगाए गए। कर (टैक्स) से प्राप्त पैसो से ईस्ट इंडिया कंपनी की आमदनी बढ़ती गई। कर (टैक्स) से प्राप्त आमदनी की एक तिहाई हिस्से का उपयोग अंग्रेज भारतीय व्यापारियों से समान खरीदने के लिए करते थे अर्थात् भारतीयों के दिए कर (टैक्स) के एक हिस्से से ही अंग्रेज भारतीयो से समान खरीदते थे। इस प्रकार अंग्रेज भारतीय समानो का मुफ्त में उपयोग करते थे। समान खरीदने के लिए अंग्रेजो को खुद के पैसो का उपयोग नहीं करना पड़ता था। इन सभी बातों पर उत्शा पटनायक नामक भारतीय अर्थशास्त्री ने गहन् अध्ययन कर बताया। इससे पहले किसी भी रिसर्च रिपोर्ट में ब्रिटि काल के कामकाजो पर इतने गहन् तरीके से अध्ययन नहीं किया गया था।

    रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार भारतीयो द्वारा दिए कर से सस्ते दामो में भारतीय व्यापारियों से ही समान खरीदा जाता था। इन समानो को ब्रिटेन में निर्यात कर इस्तेमाल किया जाता था तथा शेष समान को दूसरे देशो में बेचा जाता था। मतलब यह कि मुफ्त के समान को इस्तेमाल भी किया जाता था और बेचा भी जाता था। भारत से मुफ्त में मिले समानो के निर्यात के कारण ब्रिटेन को यूरोप के बाकि देषो से बहुत ज्यादा मुनाफा होने लगा। इस तरह मुफ्त के समान से अंग्रेजो को त् प्रतिषत् मुनाफा हुआ और लगातार ब्रिटेन का विकास होता गया।

       भारतीय अर्थशास्त्री उत्शा पटनायक ने सन् 1765 - 1938 के बीच 190 सालो में भारत से लूटी गयी संपत्ति का  गणना किया और जो अनुमान निकल कर आया उस पर 5% कर लगाया। इस प्रकार सन् 1765 - 1938 के बीच 190 सालो में अंग्रजो द्वारा भारत से लूटी गयी संपत्ति का अनुमान लगाया गया यह संपत्ति थी 44.6 त्रिलियन डाॅलर।

   दोस्तो अब तो आपको पता चल ही गया होगा कि अंग्रजो ने भारत का विकास नहीं किया है बल्कि भारत ने अंग्रजो का विकास किया है। दोस्तो अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करिये और हमारे फेसबूक पेज को लाइक करिये ऐसी ही चटपटी आर्टिकल्स के लिए.... 
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अगर दुनिया के सारे पैसे एक जगह इक्कठे कर दिए जाये तो...?


    नमस्कार दोस्तो, दोस्तो आज का हमारा विषय है पैसा। इस दुनिया में हर किसी के पास पैसा है किसी के पास कम है तो किसी के पास ज्यादा है। परन्तु दोस्तो क्या कभी आपने कल्पना किया है कि इस दुनिया में कुल कितना पैसा हो सकता है? क्या कभी आपने कल्पना किया है कि इस दुनिया के सभी देशो के पैसो की एक साथ गणना करें तो कितना पैसा होगा और यदि सभी पैसो को एक जगह एकत्रित करे तो कितनी जगह घेरेगा ? आइये दोस्तो जानते है इन सभी सवालो के जवाब। आशा करता हूॅ यह आर्टिकल आपको पसंद आए।


    दोस्तो हमारी दुनिया में जितना पैसा है उनमें से नोट, सिक्को और बैंक में जमा पैसो को मिला दिया जाये तो उन पैसो का आंकडा पहुॅच जायेगा 3 करोड 46 लाख करोड जो कि दुनिया की कुल पैसो का एक छोटा सा ही भाग है। दोस्तो दुनिया की ज्यादातर पैसे फिजिकल नहीं है क्योंकि ज्यादातर पैसे इलेक्ट्राॅनिक रूप से संग्रहित है जो कि डिजिटल करेंसी मानी जाती है। एक ऐसी ही डिजिटल करेंसी है बिटक्वाइन। दुनिया में मौजूद सभी बिटक्वाइन की इस समय कीमत 5 बिलियन डाॅलर अर्थात् 34 हजार करोड रूपये है।

      दुनिया में मौजूद समस्त चांदी की कीमत है 14 बिलियन डाॅलर जबकि दुनिया की सबसे अमीर इंसान जेफ बेजोंस जो कि Amazon के सीईओ है अगर ये अपना सारा पैसा खर्च करके चांदी खरीदना चाहे तो दुनिया में चांदी कम पड जायेगी  क्योंकि जितनी चांदी इस वक्त दुनिया में उपयोग की जा रही है उससे 10 गुणा ज्यादा चांदी और खोद के निकाली जाए तब जेफ बेजोंस के नेटवर्थ के बराबर चांदी जमा हो पाएगी क्योंकि जेफ बेजोंस का नेटवर्थ है 139 बिलियन डाॅलर। लेकिन अगर हम बात करे सोना (गोल्ड) की तो चांदी को 10 बार खरीद सकने वाले जेफ बेजोंस अपनी कंपनी को 8 बार बेचेंगे तब वह दुनिया में उपयोग किए जा रहे समस्त सोने को खरीद पाएंगे क्योंकि दुनिया में उपयोग किए जा रहे समस्त सोने की कीमत है 8 त्रिलियन डाॅलर अर्थात् 5 करोड 55 लाख करोड रूपये। हाॅलाकि इससे ज्यादा सोना अभी भी जमीन के अंदर पडा है।

     दुनिया के सभी स्टाॅक मार्केट के शेयर्स की कीमत है 70 त्रिलियन डाॅलर जो कि सोने की कीमत से लगभग 9 गुणा अधिक है।

     अब बात करते है दुनिया के सभी पैसो को एक जगह पर इकट्ठा करने की। अगर दुनिया के सभी पैसो को एक जगह इकट्ठा किया जाए तो पैसो की बिल्डिंग या पहाड़ बन जाएगी। इन सभी पैसो में अमेरिका की सबसे ज्यादा करेंसी होगी जो कि संपूर्ण पैसो के पहाड का लगभग 30 फीसदी होगा। दूसरी सबसे ज्यादा करेंसी चाइना की होगी जो कि लगभग 17 फीसदी होगी। तीसरे नंबर पर जापान की करेंसी होगी जो कि लगभग 7.53 फीसदी होगी। पापुआ न्यू गिनी की सबसे कम 0.01 फीसदी करेंसी होगी।

     दोस्तो इस आर्टिकल में हमने दुनिया में मौजूद पैसो एवं सोना चांदी की कीमत के बारे में बताया है हाॅलाकि एकदम सही आंकडा बता पाना संभव नही है। दोस्तो अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करिये और हमारे फेसबूक पेज को लाइक करिये ऐसी ही चटपटी आर्टिकल्स के लिए.... 
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१ हजार साल बाद कैसा होगा मनुष्यो का जीवन....?


    नमस्कार दोस्तो, दोस्तो अभी तक हम कई प्रकार के रहस्यो एवं रोचक तथ्यो के बारे में बात कर चुके है, लेकिन आज हत बात करने वाले है अपने भविष्य के बारे में। आज हम जानेंगे 1 हजार साल बाद मानव जाति का अस्तित्व किस प्रकार होगा। आज हम जानेंगे कि 1 हजार साल बाद इस धरती पर क्या क्या परिवर्तन हो सकते है। आज हम जानेंगे 1 हजार साल बाद किस प्रकार मनुश्य अपने अस्तित्व को परिवर्तित कर सकेंगे। सबसे रोचक प्रश्न यह उठता है कि 1 हजार साल बाद मनुश्य की उम्र घट जायेगी या बढ जायेगी? आज हम इन सभी तथ्यो पर विस्तार से अध्ययन करेंगे। 
    
      चाल्र्स डार्विन ने अपने जैव विकास के सिध्दांत में कहा था कि जो जीव वातावरण में हुए परिवर्तनो के अनुसार अपने आप को परिवर्तित कर सकते है वही जीव प्रकृति में जीवित रहते है षेश जीव जो अपने आप को प्रकृति के अनुसार परिवर्तित नही कर पाते वो नश्ट हो जाते है या प्रकृति उन्हें नश्ट कर देती है। आइये दोस्तो जानते है मनुश्य वर्तमान समय की प्रदूशित वातावरण एवं प्राकृतिक प्रकोप से बचने के लिए अपने आप को किस प्रकार से परिवर्तित कर सकते है। 
  
  •  लंबा जीवन

     जाॅर्ज चर्च जो कि हार्वर्ड रिसर्चर और बायोटेक कंपनिस के फाउंडर है उनका कहना है कि आज से कुछ सालो में ही हम उम्र को प्रभावित कर रिवर्स कर पाएंगे। इसके लिए एक जीन एडिटिंग तकनीक जिसका नाम है क्रिस्पर का लैब मानव कल्चरल कोशिकाओ पर रिसर्च चल रहा है और इससे कोशिकाओ के डीएनए में आसानी से परिवर्तन करके जीन्स के कार्य को बदला जा सकता है जो कि आनुवांशिक बीमारियो को ठीक करने में मदद करेगा। इस जीन एडिट प्रक्रिया से ही हम बच्चो के भ्रूणीय अवस्था में ही परिवर्तन कर सकते है। जिससे पैदा होने वाले बच्चो में मजबूत बोन्स, अधिक दर्द सहन कर पाने जैसी अनेक क्षमता बढ सकती और अन्य बामारियों से भी बच सकते है। इस प्रकार मनुष्यो का जीवन क्रम और अधिक लंबा हो जाएगा। इसके अनेक दुश्परिणाम भी उत्पन्न होंगे। 
  • मानव अनुकूलन

     1 हजार साल बाद ओजोन परत की क्षति होने के कारण गर्मी अधिक बढ जाने की संभावना भी अधिक है। सूर्य की खतरनाक अल्ट्रा वायलेंट किरणो से निपटने के लिए हमारी त्वचा में भी परिवर्तन हो जाएगा और त्वचा का रंग आज से ज्यादा सांवला हो जायेगा।

     प्राचीन काल में मनुष्य शिकार करता था और खाना कच्चा खाता था जिससे उनके दांतअधिक मजबूत, बडे और नुकिले होतें थे परन्तु वर्तमान में मनुष्य खाना पका कर खाने लगा जिससें मनुष्यो के दांत छोटे होतें गए एवं 1 हजार साल बाद हमारे दांतो के और अधिक छोटे् विकसित होने की संभावना हैं।

  • अंतरिक्ष औपनिवेशीकरण

     प्रसिध्द वैज्ञानिक स्टीफन हाॅकिंग ने कहा था कि पूरी संभावना है कि हमारी पृथ्वी का खात्मा हो सकता है। अगर हम अंतरिक्ष में इंसानो के लिए काॅलोनी बनाएंगे तो हमारा अस्तित्व सुरक्षित रहेगा। दुनियाभर में अलग अलग देशो के अंतरिक्ष प्रोग्राम में बहुत तरक्की हो रही हैं और ऐसी संभावना है कि 1 हजार साल बाद हम चंद्रमा, मंगल जैसी दूसरी कई ग्रहो में निवास कर सकेंगे।

  • सुपर फास्ट कम्प्यूटर्स

    1 हजार साल बाद कम्प्यूटर्स मानव मस्तिश्क से भी ज्यादा तेज हो जायेंगे और ऐसे तेज कार्यक्षमता मिनटो में प्रदर्षित करेंगे जो आज के कम्प्यूटर्स को कई दिन लग जाते है। उस समय क्वाण्टम कम्प्यूटर्स काॅमन हो गए होंगे और बीमारियो का निदान भी करेंगे तथा ऑटोमोबाइल्स चलाएंगे आदि अनेक कार्य कम्प्यूटर्स द्वारा किए जाएंगे। इसके अलावा प्राइवेसी एवं साइबर सुरक्षा का खतरा भी बढ जाएगा।

   भाषाविदों  का अनुमान है कि 1 हजार साल बाद 90 फीसदी भाषा ए भारी मात्रा में विश्व प्रवास की वजह से लुप्त हो जाएगी। दोस्तो मनुष्यो का विकास पहले भी हुआ था औॅर अभी भी हो रहा है तथा भविश्य में भी होता रहेगा।

   दोस्तो उपर्युक्त बातें मनुश्यो कि 1 हजार साल बाद के भविश्य की है यह सभी बातें तार्किक एवं काल्पनिक हो सकती है क्योंकि यह सभी बातें विभिन्न स्रोतो से एकत्रित किया हुआ हैं। उपर्युक्त वर्णित तथ्यो का होना संभव माना गया है। दोस्तो अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तो के साथ भी शे र करिये और हमारे फेसबूक पेज को लाइक करिये ऐसी ही चटपटी आर्टिकल्स के लिए.... 
  
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