
दोस्तों पिछले आर्टिकल्स में हम आपको विभिन्न प्रकार के रहस्यो के बारे में जानकारी दे चुके हैं परंतु दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसा रहस्य जिसको जानकर आप भी हैरान हो जाओगे और सोचने को मजबूर हो जाओगे। दोस्तों आज हम आपको बताएंगे इस दुनिया के सबसे बड़े रहस्य के बारे में जो कि अपने आप में ही एक अद्भुत और रोचक रहस्यमयी पर्यटन स्थल है।
दोस्तों हम जिस रहस्यमयी जगह के बारे में बात कर रहे हैं वह है मिस्र का पिरामिड। यह पिरामिड देखने में बहुत ही सुंदर और प्राचीन स्मारक है। परंतु दोस्तों जितनी खूबसूरत यह जगह है उससे कहीं ज्यादा रहस्यमयी भी है। सुंदर सी दिखने वाली इस पिरामिड के अंदर और बाहर अनेकों रहस्य है जिसमें से कुछ रहस्य खुल चुके हैं और कुछ रहस्य अभी भी रहस्य बना हुआ है। आइये दोस्तों जानते हैं इन रहस्यों के बारे में विस्तार से।
दोस्तों मिस्र में कुल 138 पिरामिड है परंतु इनमें ग्रेट गिज़ा पिरामिड सबसे प्रसिद्ध है जो कि गिज़ा में है। ग्रेट गिज़ा पिरामिड को बनाने में मिस्र वासियों को उस समय 23 साल लगे थे। ग्रेट गिज़ा पिरामिड की ऊंचाई 450 फीट है। 43 शताब्दियों तक यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना थी परंतु 19वीं सदी में यह रिकॉर्ड टूट गया। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर इतनी बड़ी पिरामिड को बनाया कैसे गया? यह पिरामिड 25 लाख चुना पत्थरो से बनाया गया था और प्रत्येक पत्थरों का वजन 2 टन से 30 टन तक था। अब सवाल यह बनता है कि उस समय के मजदूर इतने वजनी पत्थरों को कैसे उठाते थे और एकदम परफेक्ट पिरामिड स्ट्रक्चर कैसे बना पाए? दोस्तों 4 हजार साल पहले इतनी वजनी पत्थरों से वह भी बिना किसी तकनीक के इतनी परफेक्शन के साथ पिरामिड बनाना लगभग असंभव था। दोस्तों में ऐसा इसलिए कह रहा क्योंकि आज के इंजीनियर्स का मानना है कि आज तकनीकी ज्ञान में इतना विकसित होने के बाद भी इस पिरामिड जैसा दूसरा पिरामिड बनाना असंभव है।
माना जाता है कि पिरामिड इसलिए बनाया जाता था ताकि राजा महाराजाओं के शवों को ममी के रूप में सुरक्षित रखा जा सके। परंतु दोस्तों हैरान कर देने वाली बात यह है कि अभी तक पिरामिड में एक भी ममी (शव) नहीं मिली है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पिरामिड के अंदर और भी कई गुफाएं एवं कमरे हो सकते हैं जिसके बारे में हमें कोई भी जानकारी नहीं है। हालांकि पिरामिड को अभी तक पूरी तरह से एक्सप्लोर नहीं किया गया है।
मिस्र के इस गिजा पिरामिड के निर्माण में खगोलीय आधार भी पाए जाते हैं। इस पिरामिड समूह के तीनों पिरामिड ओरियन राशि के 3 तारों के बिल्कुल सीध में है। एक और रहस्य यह है दोस्तों अगर पूरी दुनिया के नक्शे को लेकर उसमें केंद्र का पता लगाया जाए तो उसका भौगोलिक केंद्र बिंदु ग्रेट गिजा़ पिरामिड प्राप्त होता है अर्थात् यह पिरामिड पूरी दुनिया के केंद्र पर स्थित है। अब यह एक संयोग भी हो सकता है और एक रहस्य भी कि आखिर बिल्कुल केंद्र में ही यह पिरामिड कैसे बनाया गया है।ग्रेट गिज़ा पिरामिड में पत्थरों का प्रयोग कुछ इस प्रकार किया गया है कि इस पिरामिड का ताप हमेशा 20 डिग्री सेल्सियस रहता है जो कि इस पृथ्वी का औसत तापमान है। पिरामिड के बाहर तापमान कितना भी रहे परंतु अंदर का तापमान हमेशा 20 डिग्री सेल्सियस ही रहता है।
पिरामिड के आधार के चारों कोनो के पत्थरों को बाल और साकेट तकनीक से बनाया गया है ताकि ऊष्मीय प्रसार एवं भूकंप से भी यह पिरामिड सुरक्षित रहे। सोचिए दोस्तों 4 हजार साल पहले भूकंप रोधी स्मारक ? अब 4 हजार साल पहले मिस्र के श्रमिको को इतना ज्ञान कहां से आया यह भी एक रहस्य है। जरा सोचिए दोस्तों 4000 साल पहले वह भी बिना किसी टेक्नालॉजी के यह पिरामिड कैसे बनाया गया होगा जिसे आज की एडवांस टेक्नोलॉजी होने के बाद भी नहीं बनाया जा सकता। इस पिरामिड के अंदर अभी भी बहुत कुछ छानबीन करना बाकी है जिससे संभवतः और भी अनेकों रहस्य खुल सकते हैं।
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3:03 PM
Super जी
ReplyDeleteबढ़िया
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